Wednesday, February 19, 2020

आगाज 2020 भामाशाह सम्मान समारोह वार्षिकोत्सव बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया।

 आगाज 2020 भामाशाह सम्मान समारोह वार्षिकोत्सव बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया।
 
 वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सभी कुर्सियां खाली नजर आई ।



                मो रफीक कंडिया सेरना
 

                मो रफीक कंडिया सेरना
मोदरान । निकटवर्ती गांव सेरना में  राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सेरना में  2020 आगाज व भामाशाह सम्मान समारोह वार्षिकोत्सव बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया। स्कूली बच्चों ने शानदार रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोदरान के प्रधानाचार्य किशना राम व प्रधानाचार्य थलवाड़ जितेंद्र सिंह चारण ने दिप प्रज्वलित कर आगाज किया इस दौरान स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य गिरधारी लाल ने सभी विद्यार्थियों को श्रेष्ठ नागरिक बनकर भारत का नाम विश्व पटल पर गौरवांवित करने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन का सर्वागीण विकास शिक्षा से ही संभव है। शिक्षित बच्चा ही एक सभ्य समाज का निर्माण कर सकता है। उन्होंने बच्चों को कुरीतियों से दूर रहकर शिक्षा ग्रहण करने और खेलकूद प्रतियोगिताओं में मेडल अर्जित करने के लिए प्रेरित किया।  बच्चों ने मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हुए गणेश वंदना की प्रस्तुति दी।कार्यक्रम के दौरान वर्ष 2018-19 के स्कूल के टॉपर विद्यार्थियों  मुख्य अतिथि  ने सम्मानित किया। सभी बच्चों को प्रशस्ति पत्र व पारितोषिक प्रदान किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए स्कूली बच्चों ने गढवाली नृत्य पर राजस्थानी स्ंस्कृति की झलक और राजस्थानी नृत्य पर राजस्थानी नृत्य पेश पर भारत की अनेकता में एकता की झलक पेश की। नर्सरी कक्षा के छोटे-छोटे बच्चों ने देश भग्ति गीत पर डांस कर सबका मन मोह लिया। छात्रों को अपना आर्शीवचन देते हुए भामाशाह मोड़ सिंह राठौड़ ने कहा कि स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम बच्चों की प्रतिभा और क्षमता को निखारने का माध्यम होते है। मंच पर प्रस्तुत आपके नृत्य आपकी कला का प्रतिनिधित्व कर रहे है। स्कूल बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास करते है। इस कसौटी पर  स्कूल पूरी तरह से खरा उतरता है। इस दौरान सभी भामाशाह का सम्मान किया गया । एक कदम ग्रूप सदस्य उम सिंह राठौड़ को भी समानित किया । वही शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों की सभी कुर्सियां खाली नजर आई । कुलदीप सिंह ने  कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों, अभिभावकों का दिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्कूल का मुख्य उददेश्य बच्चों को शिक्षित कर एक बेहतर नागरिक बनाना है। ग्रामीण परिवेश के ये तमाम बच्चे आज शिक्षित होकर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि स्कूल विद्यार्थियों का है। विद्यार्थियों के लिए ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं व समस्त स्टाफ का भी आभार ज्ञापित किया। प्रधानाचार्य गिरधारी लाल ने भी बच्चों को आशीर्वाद दिया। इस दौरान पंचायत समिति सदस्य विक्रम सिंह राठौड़ व विद्यालय स्टाफ व ग्रामीण मौजूद रहे ।

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Tuesday, February 11, 2020

शराबीओ का आतंक पूरी पूरी रात घुमते है शराबी आम लोग परेशान ।

नशे की लत में बर्बाद होता मोदरान का युवा ।





शराबीओ का आतंक पूरी पूरी रात घुमते है शराबी आम लोग परेशान ।
            

मोदरान । स्थानीय गांव सहित धनजी वाड़ा  सेरना धानसा  युवा वर्ग नशे की चपेट में है  स्कूल में पड़ने वाले बच्चे पर भी गांजा व स्मेक का नशा न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक दुष्प्रभाव डाल रहा है। नशे की पूर्ति के लिए अपराध से भी वह हिचक नहीं रहे हैं। सबसे बडी बात ये है के स्मेक गांजा अफीम आसानी से कैसे क्षेत्र में उपलब्ध कराया जारहा है ।

नशे के कारण सबसे अधिक प्रभावित युवा वर्ग है। इससे उनका मानसिक संतुलन खराब हो रहा है। एक बार नशे की लत में पड़ने के बाद इससे निकलना मुश्किल हो रहा है। युवा वर्ग इस दवाइयों की लत में इस कदर डूबा रहता है कि इसके दुष्परिणाम के बारे में नहीं सोचता। इसमें छोटे-छोटे बच्चे शामिल हैं। नशे की लत में सबसे अधिक 16 साल से लगाकर 30/35 वर्ष तक के लड़के शामिल हैं।  इसकी शुरूआत पान गुटखा, तंबाकू आदि से हो रही है। इसके अलावा नशे के लिए सस्ते प्रोडक्ट व्हाइटनर, बोनफिक्स को भी झिल्ली में भरकर इसे नाक-मुंह से खींचकर नशापूर्ति का खूब इस्तेमाल हो रहा है। तंबाकू, शराब, दवा से नशे के लत की हुई शुरूआत बढ़कर कोकीन, मार्फिन तथा हेरोइन तक पहुंच रही है।बढ़ रही हिंसक प्रवृत्ति

गलत नचा करना अपराध लेकिन नशे की लत को पूरी करने के लिए बच्चे अपराध करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आये दिन हो रही चोरी, छिनैती में मुख्य रूप से युवा ही शामिल हो रहे हैं। यही नहीं रेलवे स्टेशन के आसपास घूमने वाले बच्चे चलती ट्रेन में भी वारदात करने से नहीं चूकते। नशे की लत इन पर हावी हो जाती है तो वह इसकी पूर्ति के लिए किसी की कोई भी गलत काम करने से भी  से भी परहेज नहीं करते। अफीम ओर गांजा बहुत आसानी से उपलब्ध कराया जारहा है पुलिस की कोई कार्रवाई न होने से इसका प्रचलन बढ़ता जा रहा है ।

शराब पीना बनता जारहा है फैशन ।

हमारे समाज में नशे को सदा बुराइयों का प्रतीक माना और  रात को 12 बजे बजे तक शराबी घूमते है गाँवो में जिससे आम लोगो को घर से बार निकलना होता है मुश्किल होता है लोगो को गाली गलौज तक भी उतारु होते है जिससे लोगो परेसानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन आजकल नशा यानी शराब पीना फैशन बनता जा रहा है। जबकि शराब को सभी बुराइयों का जड़ माना गया है। शराब के सेवन से मानव के विवेक के साथ सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। वह अपने हित-अहित और भले-बुरे का अंतर नहीं समझ पाता। इस पर एक  गांधीजी की एक बात याद आती है कि शराब के सेवन से मनुष्य के शरीर और बुद्धि के साथ-साथ आत्मा का भी नाश हो जाता है। शराबी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।

क्षेत्र में गांजा व अफीम मिलना आम बात ।

अफीम खाने वाले सबसे अधिक कही अफीम बीमारियों से परेशान हैं। बड़े तो इसके शौकीन हैं ही बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। अफीम ग्रसित हो रहे हैं। वहीं गांव में अफीम व गांजा पीने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि हर जगह अफीम व गांजा  मिल रहा है  इस पर रोकथाम के लिए प्रशासन सुस्त है।

आदत में बदल जाता है शौक ।

 नशे की चपेट में किशोर और युवा बहुत तेजी से आ रहे हैं। इसको बढ़ावा देने में हिन्दी सिनेमा और टीवी बहुत हद तक जिम्मेदार है। फिल्मी हीरो को धुंए का छल्ला उड़ाता देख उनके अंदर भी हीरो बनने की इच्छा होती है। शुरुआत तो नासमझी के कारण होती है, जो आगे जाकर लत बनती जारही  है। यह आदत कमजोरी में तब्दील होती जारही है ।

दिमागी बीमारियों का भी खतरा

ब्लॉक बिसीएमो जसवंतपुरा दिलीप सिंह  ने बताया कि तंबाकू के सेवन से मुंह, गले के कैंसर के अलावा फेफड़े पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसके चलते मुंह में हमेशा छाले बने रहते हैं। जानकारी दी की नशीली दवाओं के सेवन से शरीर के स्वास्थ्य के साथ दिमागी बीमारियां भी होती हैं।

शराबीओ का आतंक पूरी पूरी रात घुमते है शराबी आम लोग परेशान ।

नशे की लत में बर्बाद होता मोदरान का युवा ।





शराबीओ का आतंक पूरी पूरी रात घुमते है शराबी आम लोग परेशान ।
            

मोदरान । स्थानीय गांव सहित धनजी वाड़ा  सेरना धानसा  युवा वर्ग नशे की चपेट में है  स्कूल में पड़ने वाले बच्चे पर भी गांजा व स्मेक का नशा न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक दुष्प्रभाव डाल रहा है। नशे की पूर्ति के लिए अपराध से भी वह हिचक नहीं रहे हैं। सबसे बडी बात ये है के स्मेक गांजा अफीम आसानी से कैसे क्षेत्र में उपलब्ध कराया जारहा है ।

नशे के कारण सबसे अधिक प्रभावित युवा वर्ग है। इससे उनका मानसिक संतुलन खराब हो रहा है। एक बार नशे की लत में पड़ने के बाद इससे निकलना मुश्किल हो रहा है। युवा वर्ग इस दवाइयों की लत में इस कदर डूबा रहता है कि इसके दुष्परिणाम के बारे में नहीं सोचता। इसमें छोटे-छोटे बच्चे शामिल हैं। नशे की लत में सबसे अधिक 16 साल से लगाकर 30/35 वर्ष तक के लड़के शामिल हैं।  इसकी शुरूआत पान गुटखा, तंबाकू आदि से हो रही है। इसके अलावा नशे के लिए सस्ते प्रोडक्ट व्हाइटनर, बोनफिक्स को भी झिल्ली में भरकर इसे नाक-मुंह से खींचकर नशापूर्ति का खूब इस्तेमाल हो रहा है। तंबाकू, शराब, दवा से नशे के लत की हुई शुरूआत बढ़कर कोकीन, मार्फिन तथा हेरोइन तक पहुंच रही है।बढ़ रही हिंसक प्रवृत्ति

गलत नचा करना अपराध लेकिन नशे की लत को पूरी करने के लिए बच्चे अपराध करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आये दिन हो रही चोरी, छिनैती में मुख्य रूप से युवा ही शामिल हो रहे हैं। यही नहीं रेलवे स्टेशन के आसपास घूमने वाले बच्चे चलती ट्रेन में भी वारदात करने से नहीं चूकते। नशे की लत इन पर हावी हो जाती है तो वह इसकी पूर्ति के लिए किसी की कोई भी गलत काम करने से भी  से भी परहेज नहीं करते। अफीम ओर गांजा बहुत आसानी से उपलब्ध कराया जारहा है पुलिस की कोई कार्रवाई न होने से इसका प्रचलन बढ़ता जा रहा है ।

शराब पीना बनता जारहा है फैशन ।

हमारे समाज में नशे को सदा बुराइयों का प्रतीक माना और  रात को 12 बजे बजे तक शराबी घूमते है गाँवो में जिससे आम लोगो को घर से बार निकलना होता है मुश्किल होता है लोगो को गाली गलौज तक भी उतारु होते है जिससे लोगो परेसानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन आजकल नशा यानी शराब पीना फैशन बनता जा रहा है। जबकि शराब को सभी बुराइयों का जड़ माना गया है। शराब के सेवन से मानव के विवेक के साथ सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। वह अपने हित-अहित और भले-बुरे का अंतर नहीं समझ पाता। इस पर एक  गांधीजी की एक बात याद आती है कि शराब के सेवन से मनुष्य के शरीर और बुद्धि के साथ-साथ आत्मा का भी नाश हो जाता है। शराबी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।

क्षेत्र में गांजा व अफीम मिलना आम बात ।

अफीम खाने वाले सबसे अधिक कही अफीम बीमारियों से परेशान हैं। बड़े तो इसके शौकीन हैं ही बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। अफीम ग्रसित हो रहे हैं। वहीं गांव में अफीम व गांजा पीने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि हर जगह अफीम व गांजा  मिल रहा है  इस पर रोकथाम के लिए प्रशासन सुस्त है।

आदत में बदल जाता है शौक ।

 नशे की चपेट में किशोर और युवा बहुत तेजी से आ रहे हैं। इसको बढ़ावा देने में हिन्दी सिनेमा और टीवी बहुत हद तक जिम्मेदार है। फिल्मी हीरो को धुंए का छल्ला उड़ाता देख उनके अंदर भी हीरो बनने की इच्छा होती है। शुरुआत तो नासमझी के कारण होती है, जो आगे जाकर लत बनती जारही  है। यह आदत कमजोरी में तब्दील होती जारही है ।

दिमागी बीमारियों का भी खतरा

ब्लॉक बिसीएमो जसवंतपुरा दिलीप सिंह  ने बताया कि तंबाकू के सेवन से मुंह, गले के कैंसर के अलावा फेफड़े पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसके चलते मुंह में हमेशा छाले बने रहते हैं। जानकारी दी की नशीली दवाओं के सेवन से शरीर के स्वास्थ्य के साथ दिमागी बीमारियां भी होती हैं।